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माँ

Published जुलाई 16, 2016 by Voyger

“क्या आप मेरे बच्चों को माँ का प्यार दे सकतीं हैं?” नीना के कानों में नलिन के शब्द पड़े तो उसने अपनी पलकें उठा कर सवालिया नज़रों से नलिन को देखा और पूछा “ क्या आपको कोई शक है इस बात में, हर नारी में एक माँ छुपी होती है और उसे अपने इस रूप को बाहर लाना नहीं पड़ता है, वो तो हर समय उसके साथ ही होता है। क्या आपने कभी नन्ही बच्ची को अपने गुड्डे-गुड़िया को खिलाते नहीं देखा। क्या उन्हें देखकर यह अहसास नहीं होता की एक लड़की तो जन्म से ही माँ होती है। क्या आपने कभी उस बच्ची से यह सवाल पूछा है?” नीना मानो एक सांस में सब कुछ कह देना चाहती थी।

नीना के लिए नलिन का रिश्ता उसके मामा-मामी ने तय किया था। मामा को अपनी सुघड़ और पढ़ी लिखी भांजी का रिश्ता, दो बच्चों वाले विधुर से करना मुश्किल तो लग रहा था, लेकिन अपनी सीमित आय में उन्हे अपनी भी दो बेटियों को पढ़ा-लिखा कर किसी काबिल बनाना था। नीना के माता-पिता  का देहांत एक रेल दुर्घटना में हो गया था। नीना को उसके मामा अपने साथ ले आए थे और उसकी मामी ने पहले तो उनके इस कदम का विरोध किया था, लेकिन नीना की मासूमियत और सहनशक्ति ने उन्हे भी झुका दिया और उसे अपनी बड़ी बेटी का दर्जा दे दिया।

मामा-मामी के निश्चल और निर्मल प्यार ने नीना को कभी अनाथ होने का अहसास नहीं होने दिया और इसीलिए जब मामी की मौसेरी बहन ने अपने ससुराल से नलिन का रिश्ता, नीना के लिए भिजवाया तो नीना के मामा एक बार को तो सहम गए। लेकिन नीना के कोमल हाथों का संबल पाकर, उन्होने हिम्मत करके नीना की तस्वीर नलिन के लिए भेज दी।

“जीजी, नलिन की पत्नी एक वर्ष पूर्व अपनी दूसरी संतान को जन्म देते हुए ही स्वर्ग सिधार गयी है। नलिन अपने माता-पिता की दो बच्चों में बड़े पुत्र है और छोटी बहन का विवाह हो चुका है” मामी अपनी मासी की लड़की की आवाज फोन पर सुन रही थी। “और परिवार बूढ़ी माँ के अलावा और कोई नहीं है जो इन बच्चों का ध्यान रख सके और हमारी चाची जी भी तुम जानो बहौत बूढ़ी हो गईं है जो अपनी बीमारी के चलते तीन वर्ष के सुमित और नवजात कुहु का पालना पोसना नहीं कर सकतीं है, अभी तक किसी तरह नौकरों के सहारे घर चल रहा है। लेकिन जीजी, बहुत तरस आता है, उन बच्चों को देखकर। कोई समझदार लड़की आकर घर सम्हाल ले तो बहुत अच्छा होगा”। मामी उधर से आती आवाज़ सुनकर चुप सी हो गईं थीं। उनके आगे अपनी ननद का हँसता हुआ चेहरा घूम गया। लेकिन तभी अपनी बड़ी होती दोनों बेटियों के भविष्य को याद करके, यह रिश्ता उन्होने अपने पति के सामने रख दिया।

“अपनी बहन की निशानी को किसी के भी हाथ में कैसे सौंप दूँ” कातर आवाज़ में उन्होने अपनी पत्नी से कहा। पत्नी ने चुप चाप पानी का गिलास सामने से उठा लिया।

“मामा जी, आप क्यूँ फिक्र करते हैं, जो होगा सब ठीक होगा” नीना का कोमल हाथ अपने हाथ पर महसूस करके वो अपने आप को सम्हाल नहीं सके और उन्होने नीना को सब कुछ बता दिया।

नीना ने बिना एक पल गँवाए कहा, “मामा जी, आप मेरे पिता समान हैं, जो करेंगे वो मेरे हित में ही होगा, आप निश्चिंत रहें”। मामी ने भीगी आँखों को पौंछते हुए, नीना को गले लगा लिया।

नीना के मामा की ओर से, नीना की तस्वीर पाकर, नलिन खुद आए और उन्होने नीना से मिलने की इच्छा ज़ाहिर करी।

मामा-मामी की स्वीकर्ति पाकर नीना, नलिन के सामने आई। नलिन, एक बार तो नीना की सुंदरता और सौम्यता से प्रभावित हो गया लेकिन तत्काल ही अपने बच्चों के भविष्य को याद करके उसने नीना से यह सवाल किया।

बिना डरे नीना ने कहा, “क्या मैं आपसे एक सवाल पूछ सकती हूँ”? हिचकिचाते हुए नलिन के चेहरे को पढ़ने की कोशिश करती नीना आगे बोली” क्या आप मुझे बच्चों की माँ बनने का मौका दे रहे हैं या मुझमें एक सौतेली माँ ढूंढ रहे हैं?”

“क्या मतलब” नलिन के चेहरे पर उलझन के भाव थे।

ma“एक माँ सिर्फ माँ होती है, जो अपने बच्चो को प्यार करती है तो वहीं उनका भविष्य सँवारने के लिए थोड़ी सख्ती भी करती है। अगर गोद में बैठा कर प्यार का निवाला देती है तो वहीं गलत बात को सही करने के लिए थोड़ा खाने के लिए इंतज़ार भी करवा सकती है” कहीं दूर देखती नीना ने आगे कहा,” लेकिन यह समाज माँ को सौतेली माँ का दर्जा दे देता है। आप ही बताएं, क्या आपको आपकी माँ ने आपकी गलती पर कभी नहीं डांटा, क्या आपने माँ के हाथ की मार कभी नहीं खाई?” कहते कहते नीना सहम सी गयी। उसे लगा, शायद वो कुछ ज़्यादा ही बोल गयी।

अंदर कमरे में बैठे मामा-मामी को भी अब नलिन के गुस्सा होने की संभावना में कोई शक नहीं रह गया।

तभी नलिन की आवाज़ कानों में सुनाई दी” नीना, तुम्हारे बच्चे और तुम्हारा परिवार, बेसब्री से तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है” अंदर की ओर कदम बढ़ाते हुए नलिन ने कहा, “मामा जी, मेरे बच्चों की माँ को लेने में कब आ जाऊँ”

मामा भीगी पलकों से अपने सामने झुके नलिन को गले लगाने के लिए आगे बढ़ आए और मामी अपनी बड़ी बेटी को गले लगा कर रो दी।